सावधान: नकली हेलमेट आपके सिर के साथ आंखों के लिए भी है खतरनाक, ऐसे खरीदें असली हेलमेट

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देश में हर साल टू-व्हीलर्स की संख्या बढ़ रही है, और इसी के साथ राइडर्स की संख्या भी बढ़ रही है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि आज भी ज्यादातर लोग  हेलमेट सिर्फ इसलिये खरीदते और पहनते  हैं, ताकि वो चालान से बच सकें। यानी ऐसे लोग नकली और सस्ते हेलमेट खरीद कर इस्तेमाल करते हैं, कुछ पैसे बचाने के चक्कर में ये लोग भूल जाते हैं कि यही नकली हेलमेट एक्सीडेंट के दौरान आपकी जान खतरे में डाल देगा। और यह अक्सर देखने में आता है कि टू-व्हीलर राइडर्स का जब एक्सीडेंट होता है तो गंभीर चोटों की वजह ये नकली हेलमेट ही होते हैं. दोस्तों अगर भी टू-व्हीलर चलाते हैं तो इस रिपोर्ट पर जरूर गौर करें आपको फायदा होगा।

खूब बिक रहे हैं नकली हेलमेट

देश में नकली हेलमेट की बिक्री बढ़ रही है। सड़क किनारे और लोकल दुकानों पर 100 रुपये से लेकर 400 रुपये तक के  नकली हेलमेट आसानी से मिल रहे हैं। इतना ही नहीं नकली हेलमेट पर नकली ISI मार्क का स्टिकर लगा कर भी बेचा जाता है। यही कारण है कि देश में नकली हेलमेट की वजह से सड़क हादसों में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवाते हैं। क्योंकि नकली हेलमेट बिलकुल भी आपके सिर को बचा नहीं पाता, इतना ही नहीं नकली हेलमेट आपकी आंखों के लिए भी बेहद खतरनाक हैं।

आंखों के लिए खतरनाक हैं नकली हेलमेट

सस्ते और नकली हेलमेट बनाने में घटिया और हल्की क्वालिटी का सामान इस्तेमाल किया जाता है, वहीं इसमें लगा वाइजर भी बहुत ही खराब क्वालिटी का होता है साथ ही यह UV सुरक्षित नहीं होता, जिसकी वजह से तेज धूप में आंखों की सुरक्षा नहीं हो पाती। इतना ही नहीं रात में सामने से आ रहे वाहनों की हाई बीम तेज रोशनी भी सीधा आंखों पर असर डालती है, जिसकी वजह से आंखों की रोशनी कमजोर पड़ जाती है। जबकि अच्छी गुणवत्ता के ओरिजिनल हेलमेट में UV प्रोटेक्शन वाला वाइजर लगा होता है, जो धूप से आपकी आंखों को सुरक्षित  रखता है, साथ ही आपके चेहरे को भी धूप से बचाता है।

असली ISI मार्क वाले हेलमेट हैं सेफ  

देश की सबसे बड़ी हेलमेट निर्माता कंपनी स्टीलबर्ड हेलमेट के एमडी राजीव कपूर कहते हैं कि राइडर्स को हमेशा असली ISI मार्क वाला ही हेलमेट खरीदना और पहनना चाहिए। कोई भी असली ISI मार्क वाला हेलमेट 300 से 400 रुपये में बन ही नहीं सकता, लेकिन लोकल मार्किट में ISI मार्क वाला सब स्टैंडर्ड हेलमेट मिल रहा है। यह हेलमेट आपको चालान से जरूर बचा सकता है, लेकिन दुर्घटना होने पर आपकी जान नहीं बचा सकता। नकली हेलमेट बेचने का मतलब नकली दवाई बेचने जैसा ही है।असली हेलमेट में क्वालिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पूरा ध्यान रखा जाता है। क्योंकि एक असली हेलमेट कई सेफ्टी टेस्ट से होकर गुजरता है।

नकली हेलमेट की पहचान ऐसे करें

स्टीलबर्ड हेलमेट के एमडी, राजीव कपूर  के मुताबिक, आज देश में करीब 80 प्रतिशत नकली और लोकल हेलमेट बिक रहे हैं। लेकिन इनकी पहचान करना बेहद आसान है, अगर कोई आपको 450 रुपये से कम में हेलमेट बेच रहा है, तो समझ जाएं कि आप एक नकली हेलमेट खरीद रहे हैं। क्योंकि कोई भी ISI मार्क वाला हेलमेट इतनी कम कीमत में नहीं बन सकता। सरकार के सुरक्षा मानकों  के मुताबिक एक ISI मार्क वाले हेलमेट को बनाने में ही न्यूनतम लागत 450 रुपए आती है।

नकली हेलमेट बनाने वालों की खैर नहीं

हाल ही में साइबराबाद (हैदराबाद) पुलिस ने नकली हेलमेट बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जांच में पता चला है कि नकली हेलमेट बनाने वाले इन अपराधियों के तार गाजियाबाद से जुड़े थे, इसके बाद UP पुलिस ने भी नकली हेलमेट बनाने और बेचने वालों को जड़ से उखाड़ फेंक का फैंसला कर लिया है। गौतमबुद्ध नगर यातायात पुलिस ने यातायात से संबंधित मुद्दों के बेहतर बनाने और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा सेल का गठन किया है। देश में नकली हेलमेट बनाने और बेचने वालों के लिए अब खतरे की घंटी बज चुकी है।

खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

मार्किट में हर रंग और डिजाइन के हेलमेट मौजूद हैं, ऐसे में आप अपनी जरूरत के मुताबिक हेलमेट चुनें। हेलमेट का वाइजर कभी गहरे रंग का नहीं होना चाहिये क्योंकि इससे रात में दिक्कत होती है। हेलमेट खरीदते समय ध्यान रखें, अगर हेलमेट कहीं से टूटा हुआ हो, तो लेने से बचें। अच्छी क्वालिटी के वाइजर वाले हेलमेट खरीदें, ताकि आंखों पर भारीपन न महसूस हो। साथ ही, उसी हेलमेट को प्राथमिकता दें, जिसके अंदर की फोम की लाइनिंग आसानी से बाहर निकल जाती हो, ताकि इन्फेक्शन से बचने के लिये आप उसे हफ्ते में एक बार धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकें।

नई टेक्नोलॉजी वाले हेलमेट

हेलमेट कंपनियां लगातार बेहतर और आरामदायक हेलमेट का निर्माण कर रही हैं। आजकल हाई क्वालिटी, कम वजन  और स्टाइलिश डिजाइन वाले हेलमेट खूब बिक रहे हैं। आजकल हेलमेट में भी जबरदस्त टेक्नोलॉजी देखने को मिल रही है। मार्केट में एंटी बैक्टीरियल हेलमेट, हैंड्सफ्री हेलमेट, कार्बन फाइबर हेलमेट और वेंटीलेशन हेलमेट आ रहे हैं। इसके आलावा फोटो क्रोमेटिक वाइजर वाले हेलमेट भी हाल ही में लॉन्च हुए हैं। ये वाइजर दिन में काले और रात में सामान्य हो जाते हैं, जो आपकी आंखों के साथ स्किन के लिये भी सुरक्षित होते हैं।

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