
Bharat Sanchar Nigam Limited आने वाले कुछ समय में 4G नेटवर्क की पेशकश करने जा रहा है। बताया जा रहा है कि BSNL ने 4जी सेवाओं की शुरुआत को लेकर तैयारी कर ली है। हालांकि जहां भारत देश में 5G नेटवर्क शुरू होने वाला है, भारत की सबसे बड़ी सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल 4G की शुरुआत के बारे में बात कर रही है। इस बात से यह सवाल भी खड़ा होता है कि आखिर बीएसएनएल 5जी की तरफ रुख क्यों नहीं कर रही है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि अगर 5G के लिए स्टैंडअलोन (SA) तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, तो फिलहाल बीएसएनएल के लिए यह बड़ा खर्च साबित हो सकता है, वहीं इससे कंपनी को भी कोई फायदा नहीं होगा। इसके साथ ही अगर कंपनी 4G कोर नेटवर्क की शुरुआत करती हो तो इसमें 5G एनएसए (NSA) यानी कि नॉन स्टैंडअलोन तकनीक का इस्तेमाल करके 5G सेवा शुरू की जा सकती है। यानी कि कंपनी 4जी के बाद 5जी भी लेकर आएगी। आइये, आपको बीएसएनएल के 4G शुरू करने की प्लानिंग को लेकर डिटेल जानकारी बताते हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि भारत की निजी टेलीकॉम कंपनी Airtel के सीईओ गोपाल विट्ठल ने भी 5G तकनीक की शुरुआत के लिए सबसे पहले 5G NSA नेटवर्क के विकल्प को सही माना है। इसका मतलब है कि बीएसएनएल भी 4जी तकनीक के बाद NSA नेटवर्क की मदद से 5G सेवा शुरू करेगा।
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सरकार भी दे रही है BSNL 4G शुरू करने पर जोर
भारतीय सरकार की बात करें तो सरकार भी यह चाहती है कि जल्द से जल्द बीएसएनएल 4जी सेवाओं की शुरुआत करे। बीएसएनएल 4G को लेकर सरकार क्यों जोर दे रही है इसके पीछे कई कारण हैं। सरकार का मकसद है कि बीएसएनएल भी 4जी सेवाओं में अच्छा मुकाम हासिल करें। एक कारण यह भी है कि बीएसएनएल की 4G सर्विस अगर शुरू हो जाती है तो भारत में मौजूद Jio, Airtel और Vi जैसी कंपनियां को अपने ग्राहक बनाए रखने में मुश्किल होगी। जबकि BSNL अपने सस्ते प्लांस के लिए जाना जाता है, अगर कंपनी 4जी सेवाएं शुरू करती हो तो सस्ते दामों में ग्राहकों के लिए बीएसएनएल 4G एक बढ़िया विकल्प बन जाएगा।
भारत के कोने-कोने तक फैले 4G सेवा
बीएसएनल के 4G सेवा शुरू करने को लेकर सरकार इसलिए भी जोर दे रही है क्योंकि सरकार भारत के कोने-कोने तक 4जी सेवाओं को फैलाना चाहती है। बता दें कि ऐसे कई इलाके हैं जहां पर 4जी सेवाएं अभी भी दुरुस्त नहीं है। इन इलाकों में निजी टेलीकॉम कंपनियां निवेश को तैयार नहीं है, यहां रिटर्न की गारंटी भी नहीं मिलती है। वहीं बीएसएनएल viability gap funding और USOF (universal service obligation fund) की मदद से ऐसा कर सकता है।

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टेलीकॉम मिनिस्टर बोले सरकारी रवैया बदलें कर्मचारी
बीएसएनएल की सेवाओं को लेकर टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw भी काफी नाखुश हैं। उन्होंने कुछ समय पहले बीएसएनएल के कर्मचारियों को अपना सरकारी रवैया बदलने की हिदायत दी थी। इसके साथ ही कहा था कि कर्मचारी जुनून के साथ काम करें। आखिर में आपको बताते चलें कि बीएसएनएल कंपनी को सरकार द्वारा 1.64 लाख रुपये करोड़ का पैकेज भी मिल चुका है। यानी की बीएसएनएल की 4जी सेवाएं अब दूर नहीं हैं।