
भारत सरकार (Indian government) ने हाल ही में ग्रीन हाइड्रोजन (green hydrogen) और ग्रीन अमोनिया नीति (green ammonia policy) को नोटिफाई किया है। आपको बता दें कि जब सोलर (solar) जैसी स्वच्छ ऊर्जा से हाइड्रोजन का उत्पादन होता है, तो उसे ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है। हालांकि पॉलिसी निकट भविष्य में ग्रीन हाइड्रोजन पावरिंग वाहनों के बारे में स्पष्ट रूप से बात नहीं करती है, लेकिन बाजार में हाइड्रोजन कारें मौजूद हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEVs) लंबी दूरी के भारी परिवहन वाहन के लिए सबसे उपयुक्त हैं।
FCEV क्या है?
आपको बता दें कि मेडिसिन फील्ड में स्टेम सेल की तरह ही मोटर व्हीकल की दुनिया में ईंधन सेल (fuel cell) एक नई तकनीक है। यह इलेक्ट्रोलिसिस (electrolysis) की तरह काम करता है ( इलेक्ट्रिक करेंट को पदार्थ के माध्यम से पास किया जाता है और पदार्थ इलेक्ट्रॉन खो देता है या फिर प्राप्त करता है), लेकिन इसके विपरीत सरल शब्दों में कहें, तो फिर पानी को हाइड्रोजन (hydrogen) और ऑक्सीजन (oxygen) में विभाजित करने के लिए बिजली का उपयोग करने के बजाय इसमें इन दो तत्वों को मिलाकर पानी और बिजली का उत्पादन किया जाता है। फिर उस बिजली का उपयोग कार की मोटर को चलाने के लिए किया जाता है और इसमें पानी ही एकमात्र अपशिष्ट के रूप में उत्पन्न होता है। ईंधन सेल (fuel cell) को हवा से ऑक्सीजन मिलती है और एक टैंक से हाइड्रोजन (हाइड्रोजन अत्यधिक प्रतिक्रियाशील होता है और प्राकृतिक अवस्था में शुद्ध रूप में उपलब्ध नहीं है) मिलती है। हालांकि ईंधन के रूप में पर्याप्त शुद्ध हाइड्रोजन का उत्पादन करना एक चुनौती है। हाइड्रोजन का सतत उत्पादन सरकार की नीति का लक्ष्य है।
यह भी पढ़ेंः घरेलू उपयोग के लिए परफेक्ट हैं ये Juicer Mixer Grinder, कीमत 2,000 रुपये से भी कम
FCEV के फायदे
हाइड्रोजन से फुल टैंक एफसीईवी (FCEVs) एक बार में 500 KM से अधिक की दूरी तय कर सकती है और फिर पारंपरिक पेट्रोल/डीजल कारों की तरह 2-3 मिनट में इसे फिर से भरा जा सकता है। इलेक्ट्रिक कारों (electric cars) के विपरीत इन्हें चार्ज करने के लिए कई घंटों की आवश्यकता नहीं होती है। अच्छी बात यह है कि हाइड्रोजन ब्रह्मांड में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों की बैटरी में इस्तेमाल होने वाला लिथियम (इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी में लिथियम का उपयोग किया जाता है) सीमित मात्रा में उपलब्ध है।
लोकप्रिय Hydrogen Cars
टोयोटा मिराई (Toyota Mirai), हुंडई नेक्सो (Hyundai Nexo) और होंडा क्लैरिटी ( Honda Clarity) ग्लोबली लोकप्रिय एफसीईवी हैं, लेकिन इसे बाद में कथित तौर पर बंद कर दिया गया। हाइड्रोजन कार बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों की तरह अधिक लोकप्रिय नहीं हो सके, क्योंकि ईंधन के रूप में हाइड्रोजन की उपलब्धता जापान जैसे विकसित देशों में भी एक चुनौती है। भारत में हाइड्रोजन नीति के तहत वर्ष 2030 तक हरित हाइड्रोजन के घरेलू उत्पादन को 5 मिलियन टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत को स्वच्छ ईंधन के लिए एक्सपोर्ट हब बनाने का लक्ष्य है। यह कार निर्माता और एफसीईवी विकसित करने वाली कॉमर्शियल व्हीकल कंपनियों के लिए एक अच्छा मौका हो सकता है।
यह भी पढ़ेंः दीवाना बना देगी ये Electric Cycle, मिलती है कमाल की रेंज