
गर्मी बढ़ते ही एयर कंडिशनर (air conditioner) कंपनियां बाजार में नए-नए मॉडल को उतारने लगी हैं। मगर जब आप एसी खरीदने जाते हैं, तो सबसे पहले मन में यही सवाल आता है कि स्प्लिट एसी (Split AC) खरीदें या विंडो (Window AC)? इसके अलावा, पोर्टेबल एसी (Portable AC) का चलन भी बढ़ने लगा है। विंडो एसी घरों की खिड़की में सेट किया जाता है, जबकि स्प्लिट एसी को घर के अंदर की दीवार पर माउंट यानी इंस्टॉल करना होता है और इसका दूसरा हिस्सा बाहर ओपन एरिया में होता है। जबकि पोर्टेबल एसी को दीवारों पर माउंट करने की जरूरत नहीं पड़ती है। आज बाजार में विंडो (Window AC), स्प्लिट (Split AC) और पोर्टेबल एसी (Portable AC) के ऑप्शंस भी मौजूद हैं। हर वैरियंट की अपनी अलग-अलग खूबियां और खामियां हैं। आइए जान लेते हैं कौन-सा आपके लिए बेहतर हो सकता है…

विंडो एसी ( Window AC)
विंडो एसी को घर की खिड़कियों के साथ फिट किया जाता है। इसका कुछ हिस्सा घर के अंदर और बाकी खिड़कियों से बाहर लटका हुआ दिखाई देता है। इसमें कंप्रेसर भी साथ ही में होता है, जो खिड़की से बाहर की ओर रखा जाता है, ताकि उससे निकलने वाली गर्मी और शोर कमरे से बाहर ही रहे। इसके अगले हिस्से में ठंडी हवा फेंकने का ब्लोअर लगा होता है। चूंकि यह अधिक क्षमता वाले नहीं होते, इसलिए एक सामान्य आकार के कमरे के लिए यह उपयुक्त होता है, लेकिन बड़े कमरों और ऑफिसों आदि के लिए इसे बेहतर नहीं माना जाता है।
खूबी और कमीः यह इंस्टॉलेशन में आसान होता है। अगर इसे किसी और विंडो में भी शिफ्ट करना है, तो यह आसानी से किया जा सकता है। विंडो एसी स्प्लिट और पोर्टेबल एसी की तुलना में कम कीमत में आ जाता है। हालांकि इस तरह की एसी की सबसे बड़ी कमी यही है कि ज्यादा आवाज करता है और बिना विंडो वाले रूम में इसे नहीं लगा पाएंगे।

स्प्लिट एसी (Split AC)
इस तरह का एसी आजकल काफी चलन में है। यह दो हिस्सों में बंटा होता है। इसका एक यूनिट यानी कंप्रेसर जो शोर के साथ गर्मी उत्सर्जित करता है, उसे घर के बाहर इंस्टॉल किया जाता है, जबकि दूसरा हिस्सा घर के अंदर की दीवार पर लगाया जाता है। एयर फ्लो ज्यादा होने के कारण यह बड़े हॉल में भी बेहतर तरीके से काम करता है। दीवार पर टंगने के बाद यह खूबसूरत भी नजर आता है, लेकिन कीमत के मामले में यह विंडो एसी से महंगा होता है। इसे घर में किसी भी सुविधाजनक जगह पर आसानी से लगाया जा सकता है।
खूबी और कमीः यह एसी बहुत कम आवाज करता है, इसलिए बेडरूम के लिए परफेक्ट हो सकता है। इसका कंप्रेसर और कंडेंसर बाहर लगा होता है। इसे घर में कहीं भी इंस्टॉल किया जा सकता है, इसके लिए जरूरी नहीं है कि कमरे में विंडो हो ही। खूबसूरती के मामले में विंडो एसी से यह बेहतर होता है और कमरे को भी तेजी से ठंडा भी करता है। हालांकि इसे एक बार लगाने के बाद फिर से कहीं शिफ्ट करना या रीलोकेटिंग कठिन कार्य है और यह महंगा भी पड़ता है।

पोर्टेबल एसी (Portable AC)
इन दिनों मार्केट में पोर्टेबल एसी भी आ गए हैं। यह एक तरह से कूलर की तरह ही होता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे सुविधा अनुसार कमरे में कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि इसे इंस्टॉल करने का झंझट नहीं है। हालांकि इसकी कीमत विंडो और स्प्लिट दोनों से ज्यादा होती है। छोटे फ्लैट्स या कमरों के लिए आजकल इस तरह के एसी खूब इस्तेमाल होता है। खासकर जो लोग रेंट पर रहते हैं और लगातार रूम चेंज करते रहते हैं, तो उनके लिए यह अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
खूबी और कमीः इसे शिफ्ट करना या फिर एक जगह से दूसरी जगह ले जाना काफी आसान है। हालांकि पोर्टेबल एसी अभी भारत के लिए नया है और यह महंगा भी होता है। अभी कुछ बड़े ब्रांड के ही पोर्टेबल एसी मार्केट में मौजूद हैं।
इनवर्टर एसी क्या है?
बहुत सारे लोगों को लगता है कि Inverter AC इनवर्टर पर चलता होगा, लेकिन ऐसा नहीं है। इनवर्टर एसी (Inverter AC) का मतलब होता है कि यह इनवर्टर टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है। ट्रेडिशनल नॉन-इनवर्टर एसी में कंप्रेसर मोटर ऑन –ऑफ होता रहता है, लेकिन इनवर्टर एसी में कंप्रेसर हमेशा ऑन होता है। इससे बिजली की खपत कम हो जाती है। बिजली की बचत के साथ-साथ यह एसी एक जैसे तापमान भी बरकरार रखता है। जब तक एसी को अधिकतम कूलिंग या हीटिंग पर न सेट कर दिया जाए, कंप्रेसर पर अधिकतम लोड नहीं पड़ता। इससे अलग नॉन इनवर्टर एसी में लगातार कंप्रेसर पूरा जोर लगाता रहता है।
खूबी और कमीः यह विंडो और नॉन-इनवर्टर एसी के मुकाबले बिजली की कम खपत करता है। हालांकि नई और बेहतर तकनीक की वजह से मेंटिनेंस के लिहाज से यह कुछ महंगे साबित हो सकते हैं। इनवर्टर एसी से बेहतर कूलिंग तभी संभव है, जब इंसुलेशन बेहतर हो और कमरे के एरिया के हिसाब से एसी हो। यह विंडो एसी के मुकाबले काफी महंगा होता है।
इन 6 बातों का भी रखें ध्यान

एसी की खरीदारी के दौरान कुछ बेसिक चीजों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है…
साइज या कैपेसिटीः अगर कमरे का साइज छोटा है और आप 2 या 2.5 टन का एसी खरीद लेते हैं, तो फिर बिजली बिल ज्यादा आ सकता है। स्क्वॉयर फीट के लिहाज से अगर आपके कमरे का फ्लोर 90 स्क्वायर फीट से छोटा है, तो 0.8 टन का एसी पर्याप्त है, जबकि 90- 120 स्क्वायर फीट वाली जगह के लिए 1.0 टन, 120-180 स्क्वायर फीट के लिए 1.5 टन और 180 स्क्वायर फीट से बड़ी जगह के लिए 2.0 टन का एसी ही आपके लिए उपयुक्त होगा।
बिजली की खपतः कई बार एसी खरीदने से लोग इसलिए भी डरते हैं कि बिजली बिल बहुत अधिक आता है। आजकल हर इलेक्ट्रॉनिक सामान पर बिजली की बचत को लेकर स्टार रेटिंग होता है। जितनी ज्यादा स्टार रेटिंग होगा, वह उतना ही ज्यादा पावर की बचत करेगा। इसलिए हमेशा ज्यादा स्टार रेटिंग वाला ही एसी खरीदना सही होता है। इससे बिजली बिल पर भी कम असर पड़ता है। इन दिनों मार्केट में अब 5 स्टार रेटिंग वाले एसी भी मौजूद हैं, जो ज्यादा एनर्जी सेविंग होते हैं।
फिल्टर, एयर फ्लो, स्विंगः आजकल ये फीचर लगभग सभी एसी में आते हैं, लेकिन आपको यह देखना होगा कि एसी में बढ़िया फिल्टर लगा हो। साथ ही, एयर फ्लो यह तय करता है कि आपका एसी कितनी देर में कमरे को ठंडा कर सकता है। एसी में कूलिंग स्पीड को तय करने की सुविधा भी होनी चाहिए। स्प्लिट और पोर्टेबल एसी में स्विंग की सुविधा होती है। अब कुछ विंडो एसी में भी यह फीचर आने लगे हैं, हालांकि यह थोड़ा महंगा भी होता है।
टाइमर और सेंसरः अगर एसी में टाइमर फीचर होगा तो आप उसे फिक्स समय पर ऑटोमैटिक ऑन और ऑफ हो जाएगा। इससे बिजली की बर्बादी को रोक पाएंगे। सेंसर का काम कमरे के तापमान को फिक्स करना होता है।
वोल्टेज स्टेबलाइजरः एसी के साथ वोल्टेज स्टेबलाइजर का होना बहुत जरूरी है। इसके लिए यूजर्स जितने टन का एसी खरीद रहा है उतने ही पावर वाला स्टेबलाइजर भी होना चाहिए। अगर आपका एसी 0.5-0.8 टन का है, तो इसके साथ 2केवीए का स्टेबेलाइजर सही रहेगा।
ब्रांडेड कंपनी का ही खरीदेंः मार्केट में अब कई ब्रांड के एसी आ रहे हैं। ऐसे में आप चार-पांच पॉपुलर ब्रांड के उन एसी की कीमत में तुलना करें, जो खरीदना चाहते हैं। साथ ही, उसकी वारंटी पर भी ध्यान दें। ऐसा करने पर आप अपने लिए बेस्ट एसी चुन पाएंगे।