
हाल ही में दिल्ली में रहने वाले एक व्यक्ति के स्मार्टफोन (smartphone) में आग लग गई। फोन में आग लगने से उस व्यक्ति को गंभीर चोट आई है। स्मार्टफोन में आग लगने की घटना अक्सर सामने आती रहती है। आपको बता दें कि स्मार्टफोन चाहे कितना भी प्रीमियम क्यों न हों, बैटरी के फटने की आशंका बनी रहती है। कुछ मामलों में आग लगने की घटना यूजर की जान पड़ बन आती है। आइए जानते हैं, स्मार्टफोन की बैटरी में क्यों आग लग जाती है और इससे कैसे बचा जा सकता है…
मैन्युफैक्चरिंग में खराबी (Manufacturing defect)
फोन के फटने का मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग में खराबी (Manufacturing defect) है। हैंडसेट को पावर देने वाली लिथियम-आयन बैटरी को शिप करने से पहले उसकी ठीक से जांच की जानी चाहिए। असेंबली लाइन में एक गलत कंपोनेंट या खराबी के कारण बैटरी खराब हो सकती है और बाद में विस्फोट हो सकता है। यह आमतौर पर तब होता है, जब बैटरी के अंदर की सेल एक खास तापमान (बाहरी गर्मी, अधिक चार्जिंग, क्षति या खराब निर्माण के कारण) तक पहुंच जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप थर्मल काफी तेज (thermal runaway) हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि सस्ती बैटरियों के शॉर्ट सर्किट की आशंका अधिक होती है।
बैटरी में फिजिकल खराबी (Physical damage to the battery)

फोन के फटने का दूसरा कारण बैटरी की फिजिकल स्थिति भी हो सकती है। कई बार जब फोन गिर जाता है, तो यह बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बैटरी की इंटरनल मैकेनिकल (internal mechanical) या रासायनिक संरचना (chemical structure) को बदल सकता है, जिससे शॉर्ट-सर्किट, ओवरहीटिंग और भी बहुत कुछ हो सकता है। एक बार जब बैटरी खराब हो जाती है, तो यह अक्सर सूज (swells) जाती है। इस तरह को बैटरी को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। स्मार्टफोन के बैक पैनल को करीब से देख कर सूजन का पता लगा सकते हैं। यदि यह भरा हुआ लगे, तो बिना समय बर्बाद किए सर्विस सेंटर से बदलवा लेना चाहिए।
थर्ड पार्टी चार्ज का इस्तेमाल (Using third-party chargers)
यह एक सामान्य गलती है, जो हममें से ज्यादातर लोग करते हैं। प्रोपराइटर के चार्जर के अलावा फोन को किसी अन्य चार्जर से चार्ज करना खतरनाक हो सकता है। थर्ड-पार्टी चार्जर में अक्सर उन स्पेसिफिकेशंस की कमी होती हैं, जिनकी हैंडसेट को आवश्यकता होती है। हालांकि वे एक जैसे दिख सकते हैं, सस्ते या अनसर्टिफाइड चार्जर फोन को गर्म कर सकते हैं। इंटरनल कंपोनेंट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। फोन की बैटरी में bubbles या फिर शॉर्ट हो सकते हैं।
रात भर चार्ज करना (Overnight charging)
अक्सर लोग फोन को पूरी रात चार्ज में लगा कर छोड़ देते हैं, लेकिन चार्जिंग का यह तरीका सही नहीं है। इससे बैटरी गरम होने लगती है। इसका कारण थर्ड पार्टी चार्जर का उपयोग करना भी है। हममें से ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि सोते समय फोन को चार्जिंग में लगा देते हैं। बैटरी को अत्यधिक चार्ज करने से ओवरहीटिंग, ओवरचार्जिंग, शॉर्ट-सर्किट और कई बार विस्फोट भी हो सकता है। कई स्मार्टफोन अब एक चिप के साथ आते हैं, जो बैटरी चार्जिंग लेवल 100 प्रतिशत होने पर करंट के प्रवाह को रोक देता है। हालांकि अभी भी कुछ ऐसे किफायती हैंडसेट हैं, जिनमें इस तरह के फीचर्स का अभाव है।
प्रोसेसर ओवरलोड (Processor overload)
प्रोसेसर आपके फोन को स्वाभाविक रूप से गर्म करता है। यहां तक की सबसे पावरफुल चिपसेट में भी इस तरह की समस्या होती है। मल्टी-टास्किंग और हैवी ग्राफिक्स वाले ऐप्स चलाने के दौरान थर्मल समस्याएं होती हैं। इसका मुकाबला करने के लिए ओईएम ने हैंडसेट की गर्मी को नियंत्रण में रखने के लिए थर्मल लॉक फीचर या थर्मल पेस्ट जोड़ना शुरू कर दिया है। लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता है, थर्मल लॉक फेल हो जाता है और फोन ब्लास्ट हो जाता है।
फोन को कार में छोड़ना, सीधी धूप में रखना (Phone left in car, in direct sunlight, etc)
ज्यादा गर्मी फोन की बैटरी को खराब कर सकती है। सेल थोड़ी अस्थिर हो जाती हैं, एक्जोथिर्मिक ब्रेकडाउन (exothermic breakdown) खो देती हैं। फिर ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों का उत्पादन करती हैं। ये गैसें बैटरी को swell कर सकती हैं या बैटरी की संरचना बदल सकती है। अंततः बैटरी फट सकती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि हैंडसेट को गर्म कार में न छोड़ें और न ही इसे लंबे समय तक सीधी धूप में रखें।
बैटरी के पानी के संपर्क में आना (Battery coming in contact with water)
जब हैंडसेट वाटरप्रूफ नहीं थे, तब पानी के कारण बैटरी फटने का प्रचलन था। इन दिनों किफायती हैंडसेट भी कम से कम स्प्लैश-रेसिस्टेंट कोटिंग (splash-resistant coating) के साथ आते हैं, जो पानी को जितना हो सके उतना दूर रखता है। यदि फोन में किसी कारण पानी चला जाए तो यह बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसी स्थिति में आपको सतर्क रहने की जरूरत है। अगर बैटरी क्षतिग्रस्त हो गई है, तो सामान्य चेतावनी के संकेत ये हैं कि इसमें सूजन, फुफकारने की आवाज या पॉपिंग शामिल हो सकते हैं।
इसके अलावा, हमेशा फर्स्ट-पार्टी चार्जर का उपयोग करें और चार्जिंग के लंबे समय से बच रहें। फोन को पानी से दूर रखें, अगर वाटर-रेसिस्टेंट नहीं है। अत्यधिक गर्म होने पर फोन को चार्ज न करें और चार्ज करते समय इसे तकिए के नीचे या सिर के पास कभी भी न रखें।