इलेक्ट्रिक और नॉन-इलेक्ट्रिक वॉटर प्युरिफायर के बीच ये 4 अंतर जान लें

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प्यूरीफायर लेने से पहले हमें इसके सभी पहलुओं पर ध्यान देना पड़ता है, विशेष रूप से वह जो कम लागत के साथ लंबे समय तक हमें अपनी सेवाएं दे सके। लेकिन आपको बता दें कि सिर्फ बिजली का उपयोग करने के अलावा, इलेक्ट्रिक और गैर-इलेक्ट्रिक दोनों प्रकार के वाटर प्यूरीफायर में कई बड़े अंतर हैं जिन्हें जानना महत्वपूर्ण है ताकि आप वर्तमान में बाजार से अपने लिए बेहतरीन प्यूरीफायर खरीद सकें। तो आइये जानते हैं कि वाटर प्यूरीफायर लेने से पहले आपको कौन सी बातों को ध्यान में रखना है:

  1. प्यूरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक

जहां अधिकांश इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) या UV सिस्टम के साथ आते हैं, वहीं गैर-इलेक्ट्रिक सिस्टम बेसिक सेडीमेंट फिल्टर के साथ और कभी-कभी अल्ट्रा-फाइन फिल्टर के साथ आता है। तो मूल रूप से प्यूरिफिकेशन के लिए दोनों ही अपनी अपनी जगह ठीक है और ये आप पर निर्भर करता है कि आप कौन सा प्यूरिफायर अपने लिए चुनते हैं।

  1. लागत

जाहिर है, यह अंतर का मुख्य कारक होगा। आपको इलेक्ट्रिक की तुलना में कम कीमत पर लगभग सभी नॉन-इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर मिल जाएंगे। हालाँकि, आप देखें, तो केवल RO प्यूरिफ़ायर की ही लागत होगी और यूवी सिस्टम के होने या होने से इसकी लागत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। तो अगर आप कम लागत में साफ़ पानी पीना चाहते हैं तो एक गैर- इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर आपके लिए अच्छा ऑप्शन रहेगा।

  1. इनकमिंग वाटर का ट्रीटमेंट

यह एक सबसे बड़ा कारण हो सकता है जो ये तय करेगा कि नॉन- इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर चुने या इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर। अगर आपके पानी में बहुत ज़्यादा
अशुद्धियाँ हैं, जो आपकी सेहत को खराब कर सकती हैं तो ऐसे में आपको अपनी जेब की परवाह किये बिना अपनी और अपने परिवार की सेहत की परवाह करनी चाहिए क्योंकि कम दाम में मिलने वाले नॉन- इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर पानी में मौजूद हर तरह की अशुद्धि को दूर नहीं कर सकते। इसलिए थोड़े से पैसे और खर्च करके आप इलेक्ट्रिक प्यूरीफायर ही लें। हालाँकि, अगर पानी की गुणवत्ता इतनी खराब नहीं है, जैसे शहरी क्षेत्रों में होती हैं, तो बिलकुल आप नॉन-इलेक्ट्रिक प्यूरीफायर खरीद सकते हैं।

  1. किस प्रकार की हो प्यूरीफिकेशन

दोस्तों, अपने लिए एक उपयुक्त प्यूरीफायर लेने से पहले सबसे पहले आपको ये देखना होगा कि आपको किस प्रकार की प्यूरिफिकेशन चाहिए क्योंकि दोनों प्रकार के प्यूरिफायर अलग तरीके से काम करते हैं और पानी में मौजूद अशुद्धियों को अपने फीचर्स के हिसाब से हटाते हैं। मिसाल के तौर पर इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर ज्यादातर डिसॉल्वड सॉलिड, वायरस और बैक्टीरिया पर काम करते हैं, जो आमतौर पर शहरी क्षेत्र में मिलने वाले पानी में पाए जाते हैं। जबकि डिसॉल्वड केमिकल्स, बैक्टीरिया, वायरस, सस्पेंडेड मैटर और रेत के कणों को हटाने के लिए नॉन-इलेक्ट्रिक प्यूरिफायर सबसे उचित रहेगा जो कि मूल रूप से ग्रामीण इलाकों में मिलने वाले पानी में मिलते हैं। तो, वायरस और बैक्टीरिया के लिए, एक इलेक्ट्रिक और सस्पेंडेड मैटर और मिनरल्स के लिए, नॉन-इलेक्ट्रिक प्यूरीफायर ही खरीदें क्योंकि हम सभी को पानी से इस तरह के पदार्थ को हटाने

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