अगर आपकी SUV दे रही है कम माइलेज तो ये जबरदस्त टिप्स करेंगे आपकी मदद

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जमाना माइक्रो SUV, कॉम्पैक्ट SUV और फुल साइज़ SUV का है, अन्य गाड़ियों की तुलना परफॉरमेंस के हिसाब ये बेहतर जरूर होती हैं लेकिन माइलेज के हिसाब से उतनी खास नहीं होती। ऊपर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है, जिसकी वजह से गाड़ी चलाना अब जेब पर काफी भारी पड़ता नज़र आ रहा है। ऐसे में लोग यही चाहते हैं कि उनकी SUV ज़्यादा माइलेज दे। हांलाकि सड़कों पर ट्रैफिक इतना ज़्यादा हो गया है कि गाड़ियां रेंग-रेंग के चलती हैं जिसकी वजह से भी इंजन में फ्यूल की खपत बढ़ जाती है और माइलेज कम मिलती है। इसके अलावा SUV की कम माइलेज के कई कारण होते हैं जिन पर ज्यादातर लोग ध्यान नहीं देते। यहां हम आपको कुछ ऐसे ख़ास टिप्स के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप अपनी गाड़ी की माइलेज को आसानी से बढ़ा सकते हैं साथ परफॉरमेंस भी काफी बेहतर हो सकती है।

सर्विस है ज़रूरी
SUV चलाना और उसमें घूमना सबको पसंद है लेकिन जब बात सर्विस की हो तो लोग इसे टाल देते हैं। ध्यान रहे समय पर सर्विस न कराना भी SUV की परफॉरमेंस के साथ माइलेज को भी गिरा देता है। इतना ही नहीं अक्सर लोग आलस और पैसे बचाने के चक्कर में लोकल जगह से अपनी गाड़ी की सर्विस करवा लेते हैं, साथ ही सस्ते और लोकल पार्ट्स भी डलवा लेते हैं जोकि आगे चलकर काफी नुकसानदायक साबित होते हैं। थोड़े पैसे बचाने के लिए यह सौदा इंजन के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए सही जगह से सर्विस करायें और कोई भी सर्विस मिस न करें। अगर आप समय पर सर्विस कराते हैं तो SUV की माइलेज काफी बेहतर होगी।

क्लच का गलत इस्तेमाल यानी फ्यूल की ज्यादा खपत
SUV में बार-बार और बिना वजह क्लच का इस्तेमाल करने से बचें। क्योंकि ऐसा करने से फ्यूल की खपत बढ़ने लगती है और साथ ही क्लच प्लेट्स को भी भारी नुकसान पहुंचता है। इसलिए जब जरूरत हो तब ही क्लच का इस्तेमाल करें। इतना ही नहीं ड्राइव के दौरान एक्सिलरेटर पेडल को आराम से दबाएं, ऐसा करने से आपकी गाड़ी में फ्यूल की खपत कम होगी। जहां तक संभव हो ऐसे रास्तों को चुनें जहां पर ट्रैफिक कम हो इससे समय की बचत तो होगी ही साथ इंजन पर ज़ोर नहीं पड़ेगा। अक्सर लोग सिटी ड्राइव में क्लच पैडल को हाफ दबाकर गाड़ी चलाते हैं जोकि बिलकुल भी सही नहीं है ऐसा करने से क्लच प्लेट्स के साथ इंजन ऑयल भी जल्दी खराब होने लगता है। इसलिए जरूरत हो तभी क्लच का इस्तेमाल करें।

लोअर गियर लगाने का सही तरीका
SUV चलाते समय लो गियर (low gear) में आना पड़े तो एक्सिलरेटर बिल्कुल ना दबाएं क्योकि ऐसा करने से इंजन में फ्यूल की खपत बढ़ जाती है जिसकी वजह से माइलेज में कमी आने लगती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि गियर झटके से न बदलें, आराम से बदलें वरना गियर अटकने या गियरबॉक्स के डैमेज होने की भी संभावना बढ़ सकती है ।

SUV में न रखें फालतू सामान
अक्सर देखने में आता है कि लोग अपनी SUV में जरूरत से ज़्यादा सामान रखते हैं, जिसकी वजह से गाड़ी का वज़न बढ़ जाता है। और ऐसे में इंजन को ज़्यादा ताकत लगानी पड़ती है जिसकी वजह से फ्यूल की खपत भी बढ़ जाती है। इसलिए अपनी SUV में उतना ही सामान रखें जितनी आपको जरूरत है।

टायर में हर हफ्ते हवा का प्रेशर चेक करें
SUV की माइलेज कम होने का एक बड़ा SUV ण यह होता है कि लोग टायर्स पर ध्यान नहीं देते, SUV में हवा कितनी होनी चाहिए इसका भी उन्हें अंदाजा नहीं होता। टायर्स में कम हवा के साथ लोग रोज़ाना सफर करते हैं, हवा कम होने की वजह से इंजन को ज़्यादा ताकत लगानी पड़ती है जिसकी वजह से फ्यूल की खपत बढ़ जाती है और माइलेज में गिरावट होती है। अगर आप रोजाना SUV से 50 किलोमीटर का सफर तय करते हैं तो हफ्ते में एक बार SUV के सभी टायर्स में पर्याप्त हवा भरवानी चाहिए।

नाइट्रोज हवा है वरदान
टायर्स में नॉर्मल हवा की जगह नाइट्रोजन हवा (Nitrogen Air) डलवाने के कई बड़े फायदे होते हैं। नॉर्मल हवा के साथ आर्द्रता (Humidity) जैसी समस्या हमेशा बनी रहती है, जिससे गाड़ी के टायर्स को भी नुकसान होने की संभावना बनी रहती है। इसके अलावा टायर्स के प्रेशर पर भी असर पड़ता है। जबकि नाइट्रोजन हवा डलवाने से टायर्स में मौजूद ऑक्सीजन डाल्यूट हो जाती है, साथ ही साथ ऑक्सीजन में मौजूद पानी की मात्रा को भी खत्म कर देती है। इसका फायदा यह भी होता है कि टायर के रिम को नुकसान नहीं पहुंचता। नाइट्रोजन हवा नार्मल हवा की तुलना में अधिक ठंडी रहती है जिसकी वजह से टायर्स हर मौसम में बेहतर परफॉर्म करते हैं। साथ ही ड्राइव करने में सुविधा रहती है। नाइट्रोजन हवा से टायर्स की लाइफ बढ़ जाती है, साथ ही माइलेज में भी इज़ाफ़ा होता है। यह हवा टायर्स में लम्बे समय तक टिकती है और बार-बार फिलिंग कराने की जरूरत नहीं होती। नाइट्रोजन गैस के इस्तेमाल से टायर के फटने की संभावना करीब 90 फीसदी तक कम हो जाती है। फॉर्मूला वन रेस में चलने वाली हर गाड़ी के टायर्स में नाइट्रोजन हवा का ही इस्तेमाल किया जाता है।

इंजन करें बंद दें अगर रेड लाइट हो
अक्सर देखने में आता है कि ट्रैफिक सिग्नल पर लोग अपनी SUV को ऑन ही रखते हैं, अब अगर सिग्नल पर एक मिनट से ज्यादा रुकना पड़े, तो इंजन बंद करने में भी फायदा है। ऐसा करने से फ्यूल की बचत होगी और माइलेज अपने आप ही ज्यादा मिलने लगेगी।

ओवर स्पीड में गाड़ी न चलायें
अगर आप अपनी SUV से करते हैं प्यार तो ड्राइव के दौरान स्पीड लिमिट का भी रखें ध्यान। बेस्ट माइलेज के लिए SUV की स्पीड 40 kmph से 60kmph तक होनी जरूरी है। ऐसा करने से इंजन बेहतर परफॉरमेंस देता है साथ ही फ्यूल की खपत काफी कम हो जाती है। लेकिन अगर SUV की स्पीड 70 kmph से ज़्यादा की होती है तो फ्यूल की खपत तेज होने लगेगी और आपको माइलेज भी कम मिलेगी। इतना ही नहीं कम स्पीड में ड्राइव करने से गाड़ी आपके कंट्रोल में भी रहेगी।

एयर फिल्टर जांच है जरूरी
समय-समय पर SUV के एयर फ़िल्टर की सफाई बेहद जरूरी है, गंदे एयर फ़िल्टर की वजह से इसका सीधा असर इंजन पर पड़ता है और इसकी वजह से फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। एयर फिल्टर में गंदगी या धूल आदि की वजह से इंजन जाम भी हो सकता है। हर 2000 से 5000 किलोमीटर के बीच एयर फ़िल्टर की सफाई जरूर करवा लें। इतना ही नहीं हर 15,000 से 20,000 किलोमीटर के बाद एयर फिल्टर को बदल लें।

इंजन ऑयल समय पर करें चेक
इंजन ऑयल की समय पर जांच बहुत जरूरी है वरना काफी नुकसान हो सकता है। अगर इंजन ऑयल काला पड़ने लगे और उसमें चिकनाहट भी कम होने लगे तो इंजन ऑयल नया डलवा लेना बेहतर रहता है, और अगर ऑयल कम हो गया है तो आप टॉप-अप भी करवा सकते हैं।अगर आप इन जरूरी बातों का ध्यान रखेंगे तो आपकी SUV की माइलेज तो बढ़ेगी ही साथ ही परफॉरमेंस भी बेहतर होगी।

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