Inverter खरीदते समय दुकानदार की बातों में ना आएं, बिना धोखा खाए ऐसे चुनें बेस्ट

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मानसून और गर्मियों का मौसम आ गया है। ऐसे में बार-बार लाइट कटना तो तय है। शहरों में तो फिर भी लाइट की कटौती कम होती है लेकिन गांवों में तो लाइट कटौती अधिक होती है। अब अगर आप इसका उपाय खोज रहे हैं तो उपाय केवल यही है कि आप एक अच्छा सा इन्वर्टर खरीद लें। इससे लाइट जाने पर आपको कोई परेशानी नहीं होगी और आपका कोई भी जरूरी काम नहीं अटकेगा। अगर आप भी इन्वर्टर खरीदने का मन बना रहे हैं या फिर आपकी प्लानिंग आने वाले समय में इन्वर्टर खरीदने की है तो हम अपनी इस खास रिपोर्ट में आपको इन्वर्टर से जुड़ी हर छोटी बात बता रहे हैं जो आपको एक अच्छे इन्वर्टर का चुनाव करने में मदद करेगी।

आमतौर पर इन्वर्टर तीन तरह के होते हैं। स्क्वायर वेव इन्वर्टर (Square Wave Inverter), मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर (Modified Sine Wave Inverter), साइन वेव इन्वर्टर (Sine Wave Inverter), तीनों में क्या कमियां हैं, क्या खूबियां हैं और किस तरह से आप अपने लिए एक परफेक्ट इन्वर्टर का चुनाव कर सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं…

स्क्वायर वेव इन्वर्टर (Square Wave Inverter)
ये पहले काफी चलता था जब तकनीक अधिक विकसित नहीं हुई थी लेकिन आजकल इन्हें कम ही लोग खरीदते हैं। हालांकि अभी भी ये चलन में है। इसका सबसे बड़ा नुकसान ये है कि ऐसे इन्वर्टर आपको लाइट चली जाने पर बिजली तो देते हैं लेकिन उस फ्रीक्वेंसी का करंट नहीं देते जो घरों के लिहाज से होना चाहिए। इससे आपके घरेलू उपकरण खराब होने का खतरा रहता है। साथ ही ये आवाज बहुत करते हैं। इनकी आवाज काफी इरिटेटिंग होती है।

मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर (Modified Sine Wave Inverter)
ये इन्वर्टर स्क्वायर वेव इन्वर्टर और साइन वेव इन्वर्टर का हाइब्रिड रूप है। स्क्वायर वेव इन्वर्टर में कुछ बदलाव करके मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर बनाया गया है लेकिन ये भी उतने कारगर साबित नहीं हुए हैं। इनकी करंट देने की क्षमता भी घरों के हिसाब से सही नहीं है। इसमें घरों के उपकरण जलने का खतरा कम तो होता है लेकिन बिल्कुल खत्म भी नहीं होता है।

साइन वेव इन्वर्टर (Sine Wave Inverter)
साइन वेव इन्वर्टर सबसे बेस्ट इन्वर्टर हैं। लाइट जाने पर ये घरों में उसी फ्रीक्वेंसी का करंट देते हैं जो नॉर्मली आपके घरों में आता है। यानी कि लाइट आने पर आपके घरों में जिस फ्रीक्वेंसी वाली बिजली आती है, लाइट जाने पर ये इन्वर्टर भी आपको उसी मात्रा में बिजली प्रोवाइड करते हैं। इससे आपके घर में उपकरण खराब होने का खतरा न के बराबर होता है। इसका दूसरा फायदा ये है कि ये फालतू की आवाज भी नहीं करता है। अगर आप भी इन्वर्टर खरीदने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए यही सबसे बेस्ट है।

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ऐसे करें सही इन्वर्टर का चुनाव

ऐसे करें क्षमता का चुनाव
इन्वर्टर के बारे में समझने के बाद अब बात आती है, अपनी जरूरत का पता लगाने की। सबसे पहले अपनी आवश्यकता को मापें, यानी कि आपको लाइट जाने पर क्या-क्या चलाना है। इसका पता करके उन उपकरणों के कुल वॉट्स की गणना कर लें। जैसे लाइट जाने के बाद आपको 2 पंखे, 3 एलईडी लाइट जलानी हैं। मान लीजिए कि इनका कुल उपभोग 150 वॉट का हो रहा है। इसका मतलब ये नहीं कि आप 150 वॉट की क्षमता वाला इन्वर्टर ही खरीदें। आप क्षमता को थोड़ा बढ़ाइए। हो सकता है कि इन्वर्टर लगने के बाद आपको कोई और उपकरण चलाना पड़ जाए। इसलिए इस क्षमता को 100 वॉट से बढ़ा लें। अब आपको कुल 250 वॉट के उपभोग की जरूरत है।

अब आप इसमें 50 वॉट और जोड़ लीजिए। ये इसलिए क्योंकि कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शुरू होते वक्त ज्यादा बिजली यूज करता है। जैसे आपने एलईडी लाइट चलाई और अगर वो 10 वॉट की है तो ये नहीं कि वो शुरू भी 10 वॉट के साथ होगी। वो शुरू में कुछ एक्स्ट्रा लाइट कंज्यूम करती है। ऐसे में आप 50 वॉट का एक्स्ट्रा मार्जिन लेकर चलें। अब आपका कुल वॉट 300 हो गया। अब आप इन्वर्टर का चयन करते वक्त उसकी इफिशिएंसी भी देखें। यानी कि इन्वर्टर चार्ज होने में कितनी बिजली लेता है और लाइट जाने पर वो कितना आउटपुट देता है। इस बीच जितनी बिजली कम होती है, वही बिजली की छीजत होती है। कोई भी इन्वर्टर 100 प्रतिशत इफिशिएंसी के साथ नहीं आता है। बाजार में अधिकतर इन्वर्टर 60 से 90 प्रतिशत एफिशिएंसी के साथ आते हैं।

जैसे आपने 80 प्रतिशत एफिशिएंसी वाला इन्वर्टर लिया तो इसका सीधा सा मतलब ये है कि अगर वो चार्ज होने में 20 वॉट बिजली का इस्तेमाल कर रहा है तो वो आपके घर में केवल 80 फीसदी आउटपुट यानी 16 वॉट ही देगा। मतलब ये है कि 4 वॉट (20 प्रतिशत) बिजली की छीजत हो गई। अब हमें चाहिए 300 वॉट बिजली और इन्वर्टर की एफिशिएंसी 80 फीसदी है तो हमें 300/.8 यानी कि हमें 375 वोल्ड एंपीयर क्षमता वाला इन्वर्टर खरीदना होगा। अब हो सकता है कि 375 वोल्ड एंपीयर की क्षमता वाला इन्वर्टर मार्केट में ना हो तो आप इसके आसपास की क्षमता वाला इन्वर्टर खरीद सकते हैं। याद रखें आप ज्यादा क्षमता वाला खरीदें, कम वाला नहीं तो इसका मतलब ये है कि अगर लाइट जाने पर आपको 300 वॉट बिजली चाहिए तो आपको 375-400 वोल्ड एंपीयर की क्षमता वाला इन्वर्टर खरीदना चाहिए।

एक बात का ध्यान और रखें कि आप नॉर्मल इन्वर्टर ना खरीदें। आप यूपीएस (Uninterruptible Power Supply) वाला इन्वर्टर ही लें। ये इसलिए बेस्ट हैं क्योंकि लाइट जाने पर ये एक सेकंड के लिए भी लाइट को फ्लैक्चुएट नहीं होने देते हैं। आम इन्वर्टर लाइट जाने पर माइक्रो सेकंड का ब्रेक लेते हैं और इस कारण हो सकता है कि आपका कोई अर्जेंट काम बीच में ही रुक जाए।

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