कारों में फ्रंट 2 एयरबैग्स होंगे जरूरी, सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ाई मोहलत

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लोगों की सेफ्टी के लिए पहले ड्राइवर साइड एयरबैग को स्टैण्डर्ड फीचर के रूप में शामिल किया जबकि बगल में बैठे पैसेंजर के लिए यह सिर्फ ऑप्शन के रूप में आने लगा। लेकिन अब एयरबैग्स ड्राईवर के साथ बगल में बैठे पैसेंजर के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मौजूदा कार मॉडलों में डुअल फ्रंट एयरबैग को लगाने की समय सीमा चार महीने बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 कर दी है। दरअसल सरकार ने ऐसा कोरोना वायरस महामारी की वजह से  समय सीमा को बढ़ाया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने लोगों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सभी कारों में आगे की सीटों के लिए एयरबैग जरूरी कर दिया था। पुरानी गाड़ियों में इसे 31 अगस्त तक लागू किया जाना था। उच्चतम न्यायालय की सड़क सुरक्षा पर समिति ने इसके बारे में सुझाव दिया था। कारों में पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए, सरकार ने मार्च में, सभी कारों में फ्रंट रो में डुअल एयरबैग जरूरी करने की घोषणा की थी। नए मॉडलों के लिए 1 अप्रैल, 2021 से नियम पहले ही अनिवार्य कर दिया गया था। मौजूदा मॉडलों के लिए, वर्तमान में सिर्फ ड्राइवर की सीट एयरबैग अनिवार्य है।

सस्ती कारों में होगी ज्यादा सेफ्टी

सभी कारों में ड्यूल एयरबैग्स लागू होने के बाद सस्ती (एंट्री लेवल) कारों को ज्यादा फायदा होगा, और उनकी सेफ्टी भी बढ़ेगी क्योकि मौजूदा समय में फ्रंट रो में सिर्फ ड्राइवर साइड ही एयरबैग की सुविधा मिलती है । हालांकि एक नए एयरबैग के जुड़ने से भारत में लो-सेगमेंट कारों की कीमतों पर भी सीधा असर पड़ेगा। वाहन निर्माता कंपनियां कारों की कीमतों में 5000 से 7000 रुपये तक की बढ़ोतरी कर सकती है। नए नियमों के मुताबिक 31 दिसंबर, 2021 से नई गाड़ियों के मौजूदा मॉडलों में भी आगे की ड्राइवर की सीट के अलावा को-पैसेंजर के लिए एयरबैग लगाना अनिवार्य होगा। सरकार का कहना है कि 31 दिसंबर के बाद अगर कोई कार सड़क पर बिना एयरबैग के चलते मिलेगी, तो उसका चालान काटा जाएगा। कारों में ड्यूल एयरबैग्स के आने से कारों में सेफ्टी बढ़ेगी।

इसलिए जरूरी है एयरबैग्स

कारों में एयरबैग्स दुर्घटना में ड्राईवर और बगल में बैठे पैसेंजर की जान बचाने का काम करते हैं।जैसे ही गाड़ी की टक्कर लगती है, ये गुब्बारे की तरह खुल जाते हैं और जिससे कार में बैठे लोग कार के डैशबोर्ड या स्टेयरिंग से टकरा नहीं पाते और जान बाच जाती है। एयरबैग्स को खुलने के लिए एक सेकंड से भी कम समय (लगभग 1/20 सेकंड) लगता है और इसके खुलने की रफ़्तार करीब 300 km/h होती है।लेकिन याद रहे सेफ्टी के लिए हमेशा सीट बेल्ट जरूर पहने, क्योंकि इससे काफी हद तक आपकी सुरक्षा होती है।

एयरबैग्स ऐसे करते हैं काम

कार के बंपर पर एक इंपैक्ट सेंसर लगा होता है, और जब गाड़ी किसी चीज से टकराती है तो इंपैक्ट सेंसर की मदद से एक हल्का सा करंट एयरबैग के सिस्टम में पहुंच जाता है, जिसके बाद एयरबैग्स के अंदर Sodium azide गैस भरी होती है उस गैस को वह गैस फॉर्म में प्ले आता है पहले यह किसी और फॉर्म भरी होती है जैसे इंपैक्ट सेंसर करंट भेजता है वह चीज गैस के रूप में चेंज हो जाती है।

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